भूल होना 'प्रकृति' है; उसे मान लेना 'संस्कृति' है; और भूल को सुधार लेना 'प्रगति' है। |
मंजिल उन्ही को मिलती है जिनके सपनो में जान होती है; पंखो से कुछ नहीं होता हौसलों से ही उड़ान होती है। |
उमीदों की कश्ती को डुबोया नहीं करते; मंज़िल दूर हो तो थक कर रोया नहीं करते; रखते हैं जो दिल में उमीद कुछ पाने की; वो लोग ज़िंदगी में कुछ खोया नहीं करते। |
ज़िंदगी जीना आसान नहीं होता; बिना संघर्ष के कोई महान नहीं होता; जब तक न पड़े हथौड़े की चोट; पत्थर भी भगवान नहीं होता। |
मुश्किल इस दुनिया में कुछ भी नहीं; फिर भी लोग अपने इरादे तोड़ देते हैं; अगर सच्चे दिल से हो चाहत कुछ पाने की; तो सितारे भी अपनी जगह छोड़ देते हैं। |
दुनिया का हर शौंक पाला नहीं जाता; कांच के खिलौनों को उछाला नहीं जाता; मेहनत करने से हो जाती हैं मुश्किलें आसान; क्योंकि हर काम तक़दीर पर टाला नहीं जाता। |
सपने और लक्ष्य में एक होता है; सपने के लिए बिना मेहनत नींद चाहिए और लक्ष्य के लिए बिना नींद की मेहनत। |
जियो इतना कि ज़िंदगी कम पड़ जाये; हँसों इतना कि रोना मुश्किल हो जाये; ज़िन्दगी में कुछ पाना तो किस्मत की बात है; मगर उसे चाहो इतना कि भगवान देने को मज़बूर हो जाये। |
सपने वो सच नही होते जो सोते हुए देखे जाते हैं; सपने तो वो सच होते हैं जिनके लिए आप सोना छोड़ देते हैं। |
पलकों पे आँसुओं को कभी सजाना नहीं चाहिए; हर ज़ख़्म भरने के लिए दवा नहीं चाहिए; राहों को मंज़िलों से कभी दूर नहीं कर पाओगे; मुश्किलों को देख कभी हार मान बैठ जाना नहीं चाहिए। |