कभी उसको नज़र अंदाज़ ना करो जो तुम्हारी बहुत परवाह करता हो; वरना किसी दिन तुम्हें एहसास होगा कि पत्थर जमा करते-करते तुम ने हीरा गवा दिया। |
जिस को तुम चाहो; उसको कभी अज़माना मत; क्योंकि अगर वो बेवफा भी निकला; तो दिल तुम्हारा ही टूटेगा। |
अगर कोई आप पर आँख बंद करके भरोसा करे; तो आप उसे एहसास मत दिलाओ कि वह सचमुच अँधा है। |
रोये हैं बहुत तब ज़रा करार मिला है; इस जहां में किसे भला सच्चा प्यार मिला है; गुज़र रही है ज़िंदगी इम्तिहान के दौर से; एक ख़त्म हुआ तो दूसरा तैयार मिला हैं। |
काम करो ऐसा कि पहचान बन जाए; हर कदम ऐसा चलो कि निशान बन जाए; यहाँ ज़िंदगी तो सभी काट लेते हैं; ज़िंदगी जियो ऐसी कि मिसाल बन जाए। |
नदी जब किनारा छोड़ देती हैं; राह की चट्टान तक तोड़ देती हैं; बात छोटी सी अगर चुभ जाती है दिल में; ज़िंदगी के रास्तों को मोड़ देती हैं! |
गुज़री हुई ज़िंदगी को कभी याद ना कर; तक़दीर में जो लिखा है उस की फ़रियाद ना कर; जो होगा वो हो कर रहेगा; तू फ़िक्र में अपनी हँसी बर्बाद ना कर |
अपनी ज़िंदगी खुद बनाई जाती है; दूसरों को ये काम ना दो; प्यार निभाने में कमी रह जाती है; लकीरों को इलज़ाम ना दो। |
डाली पर बैठे हुए परिंदे को पता है कि डाली कमज़ोर है; फ़िर भी वह उस डाली पर है; क्यों? क्योंकि उसको डाली से ज्यादा अपने पँख पर भरोसा है। |
इंसान कहता है अगर पैसा हो तो मैं कुछ कर के दिखाऊं; और पैसा कहता है कि तू कुछ कर के दिखा तो मैं आऊं। |