पानी से तस्वीर कहाँ बनती है; ख़्वाबों से तक़दीर कहाँ बनती है; किसी को चाहो तो सच्चे दिल से; क्योंकि ये ज़िंदगी फिर कहाँ मिलती है। |
मेरी मंज़िल मेरे करीब है; इसका मुझे एहसास है; गुमां नहीं मुझे इरादों पे अपने; ये मेरी सोच और हौंसलों का विश्वास है। |
भूख रिश्तों को भी लगती है; प्यार कभी परोस कर तो देखिए। |
भगवान कहते हैं, उदास मत होना; क्योंकि मैं तेरे साथ हूँ; सामने नहीं पर आसपास हूँ; पलकों को बंद कर दिल से याद करना; मैं और कोई नहीं तेरा आत्मविश्वास हूँ। |
अपनी ज़ुबान से इतने मीठे शब्द बोलो कि अगर कभी वापिस लेने पड़े तो खुद को कड़वे ना लगें। |
प्रार्थना ऐसे करनी चाहिए जैसे की सब कुछ ईश्वर पर ही निर्भर है; और काम ऐसे करना चाहिए जैसे की सब कुछ हम पर ही निर्भर है। |
फूल बनकर मुस्कुराना ज़िंदगी है; मुस्कुरा के ग़म भुलाना ज़िंदगी है; मिल कर खुश हुए तो क्या हुआ; बिना मिले रिश्ते निभाना ज़िंदगी है। |
सोच को बदलो, सितारे बदल जायेंगे; नज़र को बदलो, नज़ारे बदल जायेंगे; कश्तियाँ बदलने की जरुरत नहीं; दिशाओं को बदलो, किनारे बदल जायेंगे। |
डर मुझे भी लगा फांसला देख कर; पर मैं बढ़ता गया रास्ता देख कर; खुद ब खुद मेरे नज़दीक आती गई; मेरी मंज़िल मेरा हौंसला देख कर। |
सोच को अपनी ले जाओ शिखर तक कि उसके आगे सारे सितारे झुक जायें; ना बनाओ अपने सफ़र को किसी कश्ती का मोहताज़; चलो इस शान से कि तूफ़ान भी झुक जायें। |