टेढ़े के साथ टेढ़ा हो जाना तो जगत में सभी को आता है और यह स्वाभाविक ही है; लेकिन टेढ़े के साथ सीधा रहने का चमत्कार केवल ज्ञानी व्यक्ति ही कर पाते हैं। |
क्या बनाने आये थे क्या बना बैठे; कहीं मंदिर बना बैठे कहीं मस्जिद बना बैठे; हमसे तो जात अच्छी है परिंदों की; कभी मंदिर पर जा बैठे तो; कभी मस्जिद पर जा बैठे। |
व्यक्ति अपने कर्मों से महान होता है, अपने जन्म से नहीं। |
कामयाबी चाहते हैं तो सभी के साथ सौम्य और अपने लिए कठोर रहिए। |
कोई दुनिया को नहीं बदल सकता, बस इतना हो सकता है कि इंसान अपने आप को बदले तो दुनिया अपने आप बदल जायेगी। |
ईश्वर का दिया कभी अल्प नहीं होता; जो टूट जाये वो संकल्प नहीं होता; हार को लक्ष्य से दूर ही रखना; क्योंकि जीत का कोई विकल्प नहीं होता! |
ताश के पत्तों से महल नहीं बनता; नदी को रोकने से समंदर नहीं बनता; आगे बढ़ते रहो जिंदगी में हर पल; क्योंकि एक जीत से कोई सिकंदर नहीं बनता! |
सोच से संभावनाओं तक का सफ़र हौसलों से होकर गुजरता है। |
उबाल इतना भी ना हो कि खून सूख कर उड़ जाए; धैर्य इतना भी ना हो कि, खून जमें तो खौल ना पाए! |
चुनौतियां जीवन को अधिक रुचिकर बनाती है और उन्हें दूर करना जीवन को अर्थपूर्ण बनाता है! |