ग़ालिब ने भी क्या खूब कहा है "सपना" को देखकर सपने मे "स्वपनदोष" हो गया, "सपना" भी बच गई और "संतोष" भी हो गया। |
चिड़िया के बैठने से हिल जाती है पेड़ की डाल, चिड़िया के बैठने से हिल जाती है पेड़ की डाल; और लड़की चुद जाए तो बिगड़ जाती है उसकी चाल! |
हम वो आशिक हैं जो सुबह को शाम बना देते हैं, छोटी छोटी मौसमबियों को आम बना देते हैं, हम से पंगा न ले छोरी, हम तो वो हैं जो छोटी सी दुकान का भी गोदाम बना देते हैं! |
चाईनीज मोहब्बत थी साहब, टूट कर बिखर गई, पर लण्ड हिन्दुस्तानी था, टाँका भिड़ा के दूसरी चोद ली! |
इतना मत पियो मयखाने में कि... . . . . . . . . . . मइया चुद जाये घर जाने में। |
चूत ने कहा लण्ड से चुद जाने के बाद, वाह! वाह! चूत ने कहा लण्ड से चुद जाने के बाद, देखो कैसे शरमा के बैठा है भोसड़ी का, मतलब निकल जाने के बाद। |
मोहब्बत की आजमाइश देते-देते थक गया हूँ गालिब, लगता है अब पैसे देकर ही किसी की लेनी पड़ेगी। |
उनकी गली से गुज़रे, तो चौबारा नज़र आया; उनकी गली से गुज़रे, तो चौबारा नज़र आया; उसकी माँ बाहर आ कर बोली: गांड फाड़ दूंगी भोसड़ी के, जो दोबारा नज़र आया! |
चाँद देखकर सितारे बने; आसमान देखकर बादल बने; नदी देखकर किनारे बने; आपके कारनामे देखकर कंडोम के कारखाने बने। |
मेरे हैं सिर्फ दो ही टट्टे; वाह वाह... भोसड़ी के पहले सुन तो। मेरे हैं सिर्फ दो ही टट्टे; यार चूस के बता, मीठे हैं या खट्टे। |