Hindi Adult and Non veg Restricted

  • जीवन में क्या लेकर आये थे और क्या लेकर जायेंगे...
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    काजू जैसा लए थे और केले जैसा लेकर जाना है।
    तो मौज करो और कपडे उतार कर रोज़ करो।
  • टीचर: ये दुनिया गोल है।
    पप्पू: आप कहते हैं तो मान लेते हैं वरना पापा तो कहते हैं कि ये दुनिया बड़ी बहनचोद है।
  • छोटी सी प्रेम कहानी:
    लड़का(प्यार से): सुनो
    लड़की: जी भईया?
    लड़का: चल तेरी माँ की चूत।
  • बॉयफ्रेंड: घर पे अकेली हो?
    गर्लफ्रेंड: हाँ माँ के लौड़े, भेज रही हूँ बूब्स की फोटो।
  • संता: आज सुबह एक औरत ने मुझे लिफ्ट में पीट दिया।
    बंता: पर क्यों?
    संता: मैं उसके बूब्स देख रहा था उसने कहा, "एक दबा दो।"
    मैंने दबा दिया। उसके बाद मुझे कुछ ज्यादा याद नहीं।
  • उर्दू में अर्ज़ है:
    वो वक़्त गुज़र गया जब मुझे तेरी आरज़ू थी;
    अब तू ख़ुदा भी बन जाये तो में सजदा ना करूँ।

    हिंदी रूपांतरण:
    जब लंड खड़ा था तो तू आई नहीं, अब मैंने मुठ मार ली है, तू अपनी माँ चुदा।
  • इश्क है तो कुबूल कर लो सरेआम दुनिया के सामने;
    वो जो खंडहरों के पीछे होता है उसे चुदाई कहते है।
  • क्या कशिश थी उस की आँखों में मत पूछो;
    मुझ से मेरा दिल लड़ पड़ा मुझे यही चूत चाहिए।
  • यूं मुसकुरा के मेरे सामने से ना निकला करो जालिम,
    ये दिल तो समझ जाता है...
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    पर लंड को समझाने में हाथों की मां चुद जाती है।
  • सुहाग रात पर दूल्हा दुल्हन से: जानू, उठाऊं?
    दुल्हन (घबरा कर): क्या?
    दूल्हा: घूंघट और क्या?
    दुल्हन (शर्मा कर): मैं समझी टाँगे।