रोये हम इस कदर उनके सीने से लिपट कर; वाह वाह! रोये हम इस कदर उनके सीने से लिपट कर; कि वोह खुद अपनी कमीज़ उतारकर बोली; ले चूस ले कमीने, फालतू में नाटक मत कर! |
डालते ही झड़ गए सब, टिका न कोई भी फूल गले में मेरे हार के; दर्द उनको हुआ तो निकाल लिया मैंने, काँटा जो चुभा पैरों में सरकार के; चीख उठे, चिल्ला उठे, कहने लगे मत लो मेरी; एक ही चप्पल है और ऊपर से दिन भी हैं त्यौहार के। |
इश्क है तो कुबूल कर लो सरेआम दुनिया के सामने; वो जो खंडहरों के पीछे होता है उसे चुदाई कहते है। |
क्या कशिश थी उस की आँखों में मत पूछो; मुझ से मेरा दिल लड़ पड़ा मुझे यही चूत चाहिए। |
किसी ने सही फ़रमाया है, ना चोदो किसी को इतना कि उसकी चूत तुम्हारी कमजोरी बन जाये; उसे चोदो कुछ इस तरह कि तुम्हारा लंड उसके लिए जरूरी बन जाये। |
गम में भी हमको जीना आता है; सेक्स करके भी पसीना आता है; एक हम हैं कि तुम्हें अक्सर मैसेज करते हैं; एक तुम्हारा मैसेज है, जैसे औरतों को महीना आता है। |
कितना अधूरा लगता है...जब बादल हो और बारीश ना हो; जब जिंदगी हो और प्यार ना हो; आंखें हो पर ख्वाब ना हो; जब खड़ा हो और जुगाड़ ना हो। |
हर शाम सुहानी नहीं होती; हर चाहत के पीछे कहानी नहीं होती; कुछ तो असर ज़रूर होगा मोहब्बत में; वरना गोरी लड़की काले औज़ार की दीवानी नहीं होती। |
जुबाँ पे जब भी नाम तेरा आता है; ये हाथ मेरा नीचे चला जाता है; तुम्हें पाने के लिए कुछ भी कर जाऊंगा; एक बार तो करने दे वरना हिला-हिला के मर जाऊंगा। |
चुदे हुए माल को कभी याद मत करना; जो चूत न दे उस से कभी फरियाद मत करना; जिसे चुदना है वो चुद कर ही रहेगी; बेकार में मुठ मार के अपनी जवानी बर्बाद मत करना। |