ध्यान का अर्थ आँखें बंद करना नहीं, आँखें खोलना है! बंद तो पहले से ही हैं! |
दुआएं रद्द नहीं होती बस बेहतरीन वक़्त पे कबूल हो जाती हैं! |
प्रभु से यह मत कहो कि समस्या विकट है; बल्कि समस्या से कह दो कि मेरे प्रभु मेरे निकट हैं। |
ऐ माँ नवाज दे उन्हें तू तेरी महर से, जिन्होंने देखा नहीं दुनिया को दुनिया की नजर से, जिनके चहरे की मासूमियत तेरे वजूद की गवाह है, जिनको रहती है उम्मीद बस तेरे ही दर से। |
मेरी दीवानगी का उधार 'श्याम' तुझे चुकाने की जरुरत नही है, मैं तुझे देखता हूँ और किश्तें अदा हो जाती है। |
कन्हैया इतना प्यार भी ना करो कि बिखर जाऊँ मैं; थोड़ा रूठा भी करो कि सुधर जाऊँ मैं; अगर हो जाये खता तो हो जाना खफा; पर इतना भी ना होना कि मर ही जाऊँ मैं। |
आत्मा को निरंतर साफ करते रहें, दुनिया को निरंतर माफ़ करते रहें, परमात्मा को निरंतर याद करते रहें। |
कैसे शुक्र करूँ तेरी रहमतों का ए खुदा, मुझे माँगने का सलीका नही हैं, पर तू देने की हर अदा जानता है। |
ज़िन्दगी हसीन है ज़िन्दगी से प्यार करो, हो रात तो सुबह का इंतज़ार करो, वो पल भी आएगा, जिस पल का इंतज़ार है आपको, बस रब पे भरोसा और वक़्त पे ऐतबार करो। |
दौलत छोड़ी दुनिया छोड़ी सारा खज़ाना छोड़ दिया; सतगुरु के प्यार में दीवानों ने राज घराना छोड़ दिया; दरवाज़े पे जब लिखा हमने नाम हमारे सतगुरु का; मुसीबत ने दरवाज़े पे आना छोड़ दिया। |