राहों में भी राज़ होता है; फूलों में भी मिज़ाज़ होता है; गलतियां हमारी माफ़ करना ऐ-दोस्त; क्योंकि चमकते चाँद में भी दाग होता है। |
सोचता हूँ ज़िंदा हूँ, मांग लूँ सब से माफ़ी; ना जाने मरने के बाद कोई माफ़ करे या ना करे। |
आसमान वीरान है; तारे भी हैरान हैं; माफ़ कर दो मेरी चांदनी मुझको; देखो तेरा चाँद भी तो आंसुओं से परेशान है। |
मगरूर रहने वालो, सादगी हम से सीखो; खुश रहने वालो, उदासी हम से सीखो; लड़ाई करने वालो, माफ़ी माँगना हम से सीखो। |
माना हुई खता हमसे; पर गलती तो हम सब करते हैं; इस बार आप भी माफ़ कर दो; वरना हर बार तो माफ़ी आप ही मांगते हैं। |
तुम हँसते हो मुझे हसाने के लिए; तुम रोते हो मुझे रुलाने के लिए; तुम एक बार रूठ कर तो देखो; मर जाएंगे तुम्हें मनाने के लिए। |
ना कभी मुस्कुराहट तेरे होंठों से दूर हो; तेरी हर ख्वाहिश हक़ीकत को मंज़ूर हो; हो जाए जो तू मुझसे खफा; खुदा ना करे मुझसे कभी ऐसा कसूर हो। |
हमारी हर खता को माफ़ कर देना; हर गिले हर शिकवे को दिल से साफ़ कर देना; अकेले ना सहना कोई भी तकलीफ़; दुःख हो या सुख, आधा-आधा कर लेना। |
ये सोच कर हमारी खता को माफ़ कर देना मेरे दोस्त; क्या पता कल तुम लौट के आओ और हम तुमसे दूर हो जाएं। |
दोस्त दोस्त से खफा नहीं होता; प्यार प्यार से जुदा नहीं होता; माफ़ कर दो अब तो तुम मुझ को; क्योंकि इतनी देर तक तो भगवान भी किसी से खफा नहीं होता। |