भगवान के नाम के अलावा कोई मित्र नहीं है, भगवान के विनम्र सेवक इसी का चिंतन करते और इसी को देखते हैं! ~ गुरु गोबिंद सिंह जी गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पुरब की शुभकामनायें! |
चिड़ियों से मैं बाज तड़ाऊं, सवा लाख से एक लडाऊं! तभी गोबिंद सिंह नाम कहाऊं! हैप्पी गुरुपर्व! |
वाहो वाहो गोबिंद सिंह आप गुर चेला! धन गुरु तेग बहादुर साहिब जी ते माता गुज़री जी दे लाल, सच्चे पातशाह, दशमेश पिता धन धन श्री गुरु गोबिंद सिंह जी दे प्रकाश पर्व दिया आप नु लख लख बधाइयाँ! |
चु कार अज़ हमह हीलते दर गुज़शत ॥ हलाल असत बुरदन ब शमशीर दसत ॥२२॥ When all other methods fail, it is proper to hold the sword in hand. 22. गुरु गोबिंद सिंह जी के गुरुपुरब की शुभ कामनायें! |
जे जे तुमरे धिआन को नित उठ धिऐंहैं संत ॥ अंत लहैंगे मुकत फलु पावहिंगे भगवंत ॥६॥२६२॥ All those saints, who will ever meditate on Thee; They will attain salvation at the end and will realize the Lord.6.262. गुरु गोबिंद सिंह जी के गुरुपुरब की शुभ कामनायें! |
ਪ੍ਰਗਟਿਓ ਮਰਦ ਅਗਮੜਾ ਵਰਿਆਮ ਅਕੇਲਾ।। ਵਾਹੁ ਵਾਹੁ ਗੋਬਿੰਦ ਸਿੰਘ ਆਪੇ ਗੁਰ ਚੇਲਾ।। ਗੁਰੂ ਗੋਬਿੰਦ ਸਿੰਘ ਜੀ ਦੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਪੁਰਬ ਦੀ ਲੱਖ-ਲੱਖ ਵਧਾਈ। |
सूरा सो पहचानिये जो लरे दीन के हेत; पुर्जा पुर्जा कट मरे कबहूँ ना छाडे खेत। संत सिपाही श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के गुरपुरब की शुभकामनायें! |
सरबंस दानी, साहिब-ए-कमाल श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पुरब की आप को हार्दिक बधाई! |
देह शिवा वर मोहि इहै; शुभ करमन पे कबहूँ ना टरों; ना डरो अर सो जब जाये लरों; निश्चय कर अपनी जीत करो। कलगीधर पातशाह श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के गुरपुरब की शुभ कामनाएं! |
सुनै गुंग जो याहि सु रसना पावई ॥ सुनै मूड़्ह चित लाइ चतुरता आवई ॥ दूख दरद भौ निकट न तिन नर के रहै ॥ हो जो याकी एक बार चौपई को कहै ॥४०४॥ शब्दार्थ: यहाँ गुरु जी कह रहे हैं कि अगर मूक प्राणी जो बाणी को सुनेगा बोलने लग जायेगा, मूर्ख भी बुद्धिमान हो जायेगा। एक बार जो चौपाई को पढ़ेगा, उसके निकट कभी दुःख दर्द नहीं रहेगा। आप सब को गुरु गोबिंद सिंह के प्रकाश उत्स्व की हार्दिक बधाई! |