आदतें अलग हैं, मेरी दुनिया वालों से; कम दोस्त रखना हूँ; पर लाजवाब रखता हूँ। |
खुदा ने दोस्त को दोस्त से मिलाया; दोस्तों के लिए दोस्ती का रिश्ता बनाय; फिर खुदा ने फरमाया; दोस्ती रहेगी उसकी कायम, जिसने दोस्ती को दिल से निभाया। |
दोस्ती फूल से करोगे तो महक जाओगे; मदिरा से करोगे तो बहक जाओगे; सावन से करोगे तो भीग जाओगे; हमसे करोगे तो बिगड़ जाओगे; और नहीं करोगे तो किधर जाओगे। |
फासले दोस्ती में कभी-कभी आते रहते हैं; दोस्ती फिर भी दो दिलों को मिला ही देती हैं; जो ख़फ़ा न हो जाये वो दोस्त कैसे होता; सच्ची दोस्ती फिर भी दोस्त को मिला ही देती है। |
क्यों मुश्किलों में साथ देते हैं दोस्त; क्यों गम को बांट लेते हैं दोस्त; न रिश्ता खून से न रिवाज से बंधा; फिर भी जिंदगी भर साथ देते हैं दोस्त। |
मेरी भगवान से एक ही दुआ है कि; वो तुम जैसा दोस्त हर किसी को दे; क्योंकि; यह सजा मैं अकेले क्यों भुगतूं। |
वो रिश्ते भी कुछ खास हैं तो अनजाने में बन जाते हैं; पहले तो दिल से फिर जिंदगी से जुड़ जाते हैं; लोग कहते हैं उनको दोस्ती; जिसमें अनजाने भी अपने बन जाते हैं। |
हर दूरी मिटानी पड़ती है; हर बात बतानी पड़ती है; लगता है दोस्तों के पास वक्त ही नहीं है; आजकल खुद अपनी याद दिलानी पड़ती है। |
हम वो फूल हैं जो रोज़-रोज़ नहीं खिलते; ये वो होंठ हैं जो कभी-कभी नहीं सिलते; हमसे बिछाड़ोगे तो एहसास होगा तुम्हें; हम वो दोस्त हैं जो रोज-रोज नहीं मिलते। |
दिल में आशाएं बहुत हैं; जिंदगी में दुःख बहुत हैं; कब की मार डालती ये दुनिया हमें; पर दोस्तों की दुआओं में दम बहुत है। |