अगर पाना है मंज़िल तो अपना रहनुमा खुद बनो; वो अक्सर भटक जाते हैं जिन्हें सहारा मिल जाता है। |
खुद पर भरोसा करना कोई परिंदो से सीखे, क्योंकि शाम को जब वो घोंसलों में जाते हैं तो उनकी चोंच में कल के लिए कोई दाना नहीं होता। |
जब टूटने लगे हौंसला तो इतना याद रखना, बिना मेहनत के कभी तख़्त-ओ-ताज हासिल नहीं होते; ढूंढ लेते हैं जुगनू अंधेरों में भी मंज़िल; क्योंकि जुगनू कभी रौशनी के मोहताज़ नहीं होते। |
पसीने की स्याही से जो लिखते हैं अपने इरादों को; उनके मुक़द्दर के पन्ने कभी कोरे नहीं होते। |
मुश्किलें केवल बहतरीन लोगों के हिस्से में ही आती हैं, क्योंकि वो लोग ही उसे बेहतरीन तरीके से अंजाम देने की ताकत रखते हैं। |
यह ज़रूरी नहीं कि हर लड़ाई जीती ही जाए; ज़रूरी तो यह है कि हर हार से कुछ सीखा जाए। |
ज़िन्दगी उसी को आजमाती है जो हर मोड़ पर चलना जानता है; कुछ खोकर तो हर कोई मुस्कुराता है पर ज़िन्दगी उसी की है, जो कुछ खोकर भी मुस्कुराना जानता है। |
ज़िन्दगी जीने का मकसद खास होना चाहिए; और अपने आप पर विश्वास होना चाहिए; जीवन में खुशियों की कोई कमी नहीं होती; बस जीने का अंदाज़ होना चाहिए। |
हर दर्द की एक पहचान होती है; ख़ुशी चंद लम्हों की मेहमान होती है; वही बदलते हैं रुख हवाओं का; जिनके इरादों में जान होती है। |
नदी जब किनारा छोड़ देती है; राह की चट्टानों को भी तोड़ देती है; बात छोटी सी भी अगर चुभ जाये दिल में; तो ज़िंदगी के रास्ते और दिशा बदल देती है। |