तेरे पैगाम के इंतज़ार में दिन गुज़ार दिया, अब रहने देना, ख्वाबों में मिल लूँगा रात में। शुभरात्रि! |
सितारों को भेजा है आपको सुलाने के लिए; चाँद आया है आपको लोरी सुनाने के लिए; सो जाओ मीठे ख़्वाबों में आप; सुबह सूरज को भेजेंगे आपको जगाने के लिए। शुभरात्रि! |
हमने ज़िन्दगी बितायी आँख सिरहाने लेकर; रात दुल्हन सी आयी ख़्वाब सुहाने लेकर। शुभरात्रि! |
रातों में करवटें बदलना, यूँ ही थोड़ा थोड़ा मुस्कुराना अच्छे सपनों का संकेत होता है। इसलिए ऐसे ही हर रात मुस्कुराते रहिये। शुभ रात्रि! |
सोती हुई आँखों को सलाम हमारा; मीठे सुनहरे सपनो को आदाब हमारा; दिल में रहे प्यार का एहसास सदा ज़िंदा; आज की रात का यही है पैगाम हमारा। शुभ रात्रि! |
तेरे बिना कैसे गुज़रेंगी ये रातें, तन्हाई का गम कैसे सहेंगी ये रातें, बहुत लम्बी हैं घड़ियाँ इंतज़ार की, करवट बदल-बदल कर कटेंगी ये रातें। शुभरात्रि! |
ज़िन्दगी की हर सुबह कुछ शर्ते लेकर आती है और ज़िन्दगी की हर शाम कुछ तजुर्बे देकर जाती है। शुभरात्रि! |
हो मुबारक सुहानी रात, ख्वाबों में भी मिले रब का साथ; खुलें जब पलकें तो तमाम खुशियाँ हो आपके साथ। शुभरात्रि! |
पलकों में ख्वाबों की पालकी ले आई नींद सुहानी, सो जाओ अब मिलते हैं कल ले कर नई कहानी। शुभ रात्रि! |
झील सी गहरी नींद आपको आये, चाँद सा मुखड़ा गुरु जी का सपनो में आये, जब नींद से उठ के सुबह आप मुस्कुराये, तो सारी खुशियाँ आपकी झोली में समां जायें। शुभरात्रि! |