ज़िन्दगी में इतना भी मशरूफ न होइए कि कोई इंतज़ार छोड़ दे आपकी फुर्सत का! |
बहुत नाराज़ है, कोई शख्स तेरे जाने से; हो सके तो तू लौट आ, किसी बहाने से; तू लाख खफा सही मगर एक बार तो देख; कोई टूट गया है, तेरे दूर जाने से। |
किस्मत ने तुमसे दूर कर दिया; अकेलेपन ने दिल को मज़बूर कर दिया; हम भी ज़िंदगी से मुँह मोड़ लेते मगर; तुम्हारे इंतज़ार ने जीने पर मज़बूर कर दिया। |
बड़ा अरमान था तेरे साथ जीवन बिताने का; शिकवा है बस तेरे खामोश रह जाने का; दीवानगी इससे बढ़कर और क्या होगी; आज भी इंतज़ार है बस तेरे आने का। |
किस्मत से अपनी सबको शिकायत क्यों होती है; जो नहीं मिलता उसी से मोहब्बत क्यों होती है; कितने खाएं हैं धोखे इस मोहब्बत की राहों में; फिर भी आँखें उसी के इंतज़ार में क्यों रोती हैं। |
रोज़ तेरा इंतज़ार होता है; रोज़ यह दिल बेक़रार होता है; काश कि वो समझ सकते; कि चुप रहने वालों को भी किसी से प्यार होता है। |
नज़र चाहती है दीदार करना; दिल चाहता है प्यार करना; क्या बताएं इस दिल का आलम; नसीब में लिखा है इंतज़ार करना। |
आँखें भी मेरी पलकों से सवाल करती हैं; हर वक़्त आपको ही बस याद करती हैं; जब तक ना कर लें दीदार आपका; तब तक वो आपका इंतज़ार करती हैं। |
इंतज़ार तो बहुत था हमें; लेकिन आये ना वो कभी; हम तो बिन बुलाये ही आ जाते; अगर होता उन्हें भी इंतज़ार कभी। |
इंतज़ार रहता है हर शाम तेरा; यादें कटती हैं ले ले कर नाम तेरा; मुद्दत से बैठे हैं यह आस पाले; कि कभी तो आएगा कोई पैगाम तेरा। |