भले ही राह चलतों का दामन थाम ले; मगर मेरे प्यार को भी तू पहचान ले; कितना इंतज़ार किया है तेरे इश्क़ में; ज़रा यह दिल की बेताबी तू भी जान ले। |
इंतज़ार रहता है हर शाम तेरा; रातें कटती हैं लेकर नाम तेरा; मुद्दत से बैठा हूँ पाल के ये आस; कभी तो आएगा कोई पैग़ाम तेरा। |
इंतज़ार की आरज़ू अब खो गई है; खामोशियों की आदत सी हो गई है; ना शिकवा रहा ना शिकायत किसी से; अगर है तो एक मोहब्बत जो इन तनहाइयों से हो गई है। |
तड़प कर देखो किसी की चाहत में; पता चलेगा इंतज़ार क्या होता है; यूँ ही मिल जाता बिना कोई तड़पे तो; कैसे पता चलता कि प्यार क्या होता है। |
इंतज़ार तो बहुत था हमें; लेकिन आये न वो कभी; हम तो बिन बुलाये भी आ जाते; अगर होता उन्हें भी इंतज़ार कभी। |
पलट के आयेगी वो, मैं इंतज़ार करता हूँ; क़सम खुदा की, उसे अब भी प्यार करता हूँ; मैं जानता हूँ कि ये सब दर्द देते हैं मगर; मैं अपनी चाहतों पे आज भी ऐतबार करता हूँ। |
तेरे इंतज़ार में यह नज़रें झुकी हैं; तेरा दीदार करने की चाह जगी है; न जानूँ तेरा नाम, न तेरा पता; फिर भी न जाने क्यों इस पागल दिल में; एक अज़ब सी बेचैनी जगी है। |
नज़र चाहती है दीदार करना; दिल चाहता है प्यार करना; क्या बतायें इस दिल का आलम; नसीब में लिखा है इंतज़ार करना। |
बड़ी मुश्किल में हूँ कैसे इज़हार करूँ; वो तो खुशबू है उसे कैसे गिरफ्तार करूँ; उसकी मोहब्बत पर मेरा हक़ नहीं लेकिन; दिल करता है आखिरी साँस तक उसका इंतज़ार करूँ। |
आँखें भी मेरी पलकों से सवाल करती हैं; हर वक़्त आपको ही याद करती हैं; जब तक न देख लें आपको; तब तक बस आप ही का इंतज़ार करती हैं। |