बाल रूप है सब को भाता माखन चोर वो कहलाया है, आला आला गोविंदा आला बाल ग्वालों ने शोर मचाया है। झूम उठे हैं सब ख़ुशी में, देखो मुरली वाला आया है। कृष्णा जन्माष्टमी की बधाई! |
मुरली मनोहर कृष्ण कन्हैया; यमुना तट पर विराजे है; मोर मुकुट पर, कानों में कुंडल; कर में मुरलिया साजे है। कृष्णा जन्माष्टमी की शुभ कामनायें! |
गोकुल में जो करे निवास, गोपियों संग जो रचाये रास, देवकी यशोदा जिनकी मईया, ऐसे हमारे कृष्ण कनहैया। कृष्णा जन्माष्टमी की शुभ कामनायें! |
चढ़ा हुआ कलयुग का सूरज कितने और जलाओगे, धरती की रक्षा की खातिर हे कृष्णा! तुम कब आओगे; बुझा दिए अरमाँ लाखो है कितने और बुझाओगे, फँसे हुए इस कालचक्र में कब तुम हमे बचाओगे; जन्म से ही लग गया कलंक खुशियों का खो गया चमन, काटों भरा हो गया जहाँ गुल तुम कब खिलाओगे; मर चूका इंसान यहाँ पे भरे है बस हैवान, पाठ पढ़ाने इंसानियत का जाने तुम कब आओगे। हे कृष्णा तुम कब आओगे! |
मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरा न है कोई, जाके सिर मोर मुकुट है हैं मेरे प्रभु सोई। कृष्ण जन्माष्टमी की शुभ कामनायें! |
मुरली मनोहर, बृज के धरोहर वो नंद लाल गोपाला हैं, बंसी की धुन पे सब जग के दुःख हरने वाले नंद लाल गोपाला हैं, आया है शुभ दिन देखो जन्माष्टमी का फैला चारों ओर उजाला है, सब के मन में बसने वाले उस बंसी वाले का देखो अंदाज़ ही निराला है। कृष्ण जन्माष्टमी की सभी को शुभ कामनायें! |
माखन चुराकर जिसने खाया; बंसी बजाकर जिसने नचाया; ख़ुशी मनाओ उसके जन्म की; जिसने दुनिया को प्रेम सिखाया। कृष्ण जन्माष्टमी की शुभ कामनायें! |
वो मोर मुकुट, वो है नंद लाला; वो मुरली मनोहर, बृज का ग्वाला; वो माखन चोर, वो बंसी वाला; खुशियां मनायें उसके जन्म की; जो है इस जग का रखवाला। कृष्ण जन्माष्टमी की शुभ कामनायें! |
देखो फिर जन्माष्टमी आई है; माखन की हांडी ने फिर मिठास बढ़ाई है; कान्हा की लीला है सबसे प्यारी; दे आपको वो दुनिया की खुशियां सारी। कृष्ण जन्माष्टमी की शुभ कामनायें! |
कृष्ण की महिमा, कृष्ण का प्यार; कृष्ण में श्रद्धा, कृष्ण से ही ये संसार; मुबारक़ हो आपको जन्माष्टमी का त्यौहार। कृष्ण जन्माष्टमी की शुभ कामनायें! |