आसमान में काली घटा छाई है; आज फिर बीवी ने दो बातें सुनाई है; दिल तो करता है सुधर जाऊं मगर; बाजूवाली आज फिर भीग कर आई है। शुभ वर्षा ऋतू। |
ज़िंदगी में एक बात हमेशा याद रखना कि तुम्हारे आँसू पोंछने वाले तो बहुत से लोग मिल जायेंगे। . .. ... मगर तुम्हारी नाक पोंछने वाला कोई नहीं मिलेगा। इसलिये बच के रहो क्योंकि मौसम ख़राब है और जुखाम हो सकता है। |
हमें बचपन में सिखाया गया था कि ज्यादा गर्मी अच्छी नहीं। कृपया मुझे यह बतायें की किसी ने भी यह शिक्षा 'सूर्य' को नहीं दी। |
कंबल और रज़ाई को करो माफ़; ऐ-सी और कूलर कर लो साफ़; पसीना छूटेगा दिन और रात; अब बिना नहाये नहीं बनेगी बात; अब अपने नेचर में रखो नरमी; मेरी तरफ से आप सभी को शुभ गर्मी। |
सुनो गौर से 'पेप्सी' वालो; बुरी नज़र न 'कोक' पे डालो; चाहे जितना 'लिम्का' पिला लो; सबसे आगे होंगे 'निम्बुं पानी'; हमने पिया है तुम भी पिओ। शुभ गर्मी। |