हमने काटी हैं तेरी याद में रातें अक्सर; दिल से गुज़री हैं सितारों की बारातें अक्सर; और कौन है जो मुझको तसल्ली देता; हाथ रख देती हैं दिल पर तेरी बातें अक्सर। |
जिस घड़ी तेरी यादों का समय होता है; फिर हमें आराम कहाँ होता है; हौंसला मुझ में नहीं तुझको भुला देने का; काम सदियों का है, लम्हों में कहाँ होता है। |
शिकायत न करता ज़माने से कोई; अगर मान जाता मनाने से कोई; फिर किसी को याद करता न कोई; अगर भूल जाता भुलाने से कोई। |
ज़िंदगी में कोई ख़ास था; तन्हाई के सिवा कुछ न पास था; पा तो लेते ज़िंदगी की हर ख़ुशी; पर हर ख़ुशी में तेरी कमी का एहसास था। |
याद रूकती नहीं रोक पाने से; दिल मानता नहीं किसी के समझाने से; रुक जाती हैं धड़कनें आपको भूल जाने से; इसलिए आपको याद करते हैं ज़ीने के बहाने से। |
कब तक खुद को रोक पाएगी; बिना मेरे न वो रह पाएगी; मैं बस जाऊंगा उसकी यादों में इस तरह; कि फिर वो दूसरों को याद करना भूल जाएगी। |
जब छोटे थे हम ज़ोर से रोते थे, जो पसंद था उसे पाने के लिए; आज बड़े हो गए तो चुपके से रोते हैं; जो पसंद है उसे भुलाने के लिये! |
प्यार वो हम को बेपनाह कर गये; फिर ज़िंदगी में हम को तनहा कर गये; चाहत थी उनके इश्क़ में फ़नाह होने की; पर वो लौट कर आने को भी मना कर गये। |
वक्त हर चीज़ मिटा देता है; हसीन लम्हों को भुला देता है; पर नहीं मिटा सकता दोस्तों की यादें; क्योंकि वक्त खुद ही दोस्तों की याद दिला देता है। |
नराजगी का शबाब तो पूछ लिया करो; दुनिया लाख हो याद तो कर लिया करो; मत रखो बेशक हर एक पल की खबर; जिंदा हैं या मर गए इतना तो पूछ लिया करो। |