कितनी जल्दी ये शाम आ गई; गुड नाईट कहने की बात याद आ गई; हम तो बैठे थे सितारों की महफ़िल में; चाँद को देखा तो आपकी याद आ गई। शुभ रात्रि। |
मेरा नाम बोलकर सोया करो; दरवाज़ा ज़रूर ढोया करो; तकिया मोड़कर सोया करो; रात को हम भी आ सकते हैं, मेरी जान; इसलिए थोड़ी सी जगह छोड़कर सोया करो। शुभ रात्रि। |
अरे चाँद तारों जरा इनको एक लात मारो; बिस्तर से इनको नीचे उतारो; करो इनके साथ फाइट; क्योंकि ये जनाब तो सो गए हैं बिना बोले; . . . . . . गुड नाईट। |
चाँद के पलंग पर, तारों की रजाई होगी; अब सो जा मेरे दोस्त, वर्ना मम्मी से पिटाई होगी। दुआ है कि सुबह की अंगड़ाई में ख़ुशी समाई होगी; और जिंदगी की खुशियों ने बाहें फैलाई होगी। शुभ रात्रि। |
शाम के बाद मिलती है रात; हर बात में समाई हुई है तेरी याद; बहुत तनहा होती ये जिंदगी; अगर नहीं मिलता जो आपका साथ। शुभ रात्रि। |
इस प्यारी सी 'रात' में; प्यारी सी 'नींद' से पहले; प्यारे से 'सपनों' की आशा में; प्यारे से 'अपनों' को, मेरी तरफ से 1 प्यारी सी; . . . . . . "शुभ रात्रि।" |
जब आंसू आए तो रो जाते हैं; जब ख्वाब आए तो खो जाते हैं; नींद आंखो में आती नहीं; बस आप ख्वाबो में आओगें; यही सोचकर हम सो जाते हैं। शुभ रात्रि। |
अंग्रेजी में, "गुड नाईट"। हिंदी में, "शुभ रात्री"। उर्दू में, "शब्बा खैर"। कन्नड़ में, "यारंदी"। तेलगू में, "पदनकोपो"। और अपनी स्टाइल में: . . . . . . "चल लुढ़क ले अब"। |
जीवन के हर मोड़ पर सुनहरी यादों को रहने दो; जुबां पर हर वक्त मिठास रहने दो; ये अंदाज है जीने का; ना रहो उदास और ना किसी को रहनो दो। शुभ रात्रि। |
रात को जब किसी की याद सताये; हवा जब बालों को सहलाये; करलो आँखे बंद और सो जाओ; क्या पता जिसका है ख्याल; वो ख़्वाबों में आ जाये! शुभ रात्रि। |