महबूब मेरे... महबूब मेरे; तेरी मस्ती में मुझे जीने दे; बोहुत दूध है तेरे सीने में; मुझे दबा दबा के पीने दे! |
ठुमक ठुमक कर चलती हो क्या मार ही डालोगी; थोड़ी चूत हमें भी दे दो इतनी साड़ी का क्या अचार डालोगी; ठुमक ठुमक कर चलती हूँ मेरी चाल ही ऐसी है; अपनी माँ बहिन की ले ले गांडू सबकी एक ही जैसी है! |