महफ़िल-ए-चुदाई सजाओ तो कोई बात बने, दौलत-ए-चूत लुटाओ तो कोई बात बने; दूध गिलास से पीना गंवारा नहीं है हमें, सीधा चूची से पिलाओ तो कोई बात बने! |
देखकर एड़ियाँ उस की दिल में सवाल ही सवाल है; इसकी चूत का क्या हाल होगा, जिसकी एड़ियाँ इतनी लाल हैं! |
मचल उठा था ये यौवन, तेरा हुस्न देखकर, अब ठोकने की बारी आई तो भाग गयी मादरचोद लन देखकर। |
महसूस करनी थी तेरे दिल की धड़कन ऐ ज़ालिम, बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में हाथ डालने की। |
Mehboob Ka Dil Todne Ki Saja Nahi Milti; Uska Dil Tutne Ki Wajah Bhi Nahi Milti; Maal To Buhut Fass Jaate Hain, Mere Dost; Par Unhey Thokne Ki Jagah Nahi Milti! |