मदहोश मत करो खुद को किसी का हुस्न देख कर; मोहब्बत अगर चेहरे से होती तो खुद़ा 'छेद' ना बनाता! |
हर शाम सुहानी नहीं होती; हर चाहत के पीछे कहानी नहीं होती; कुछ तो असर ज़रूर होगा मोहब्बत में; वर्ना गोरी लड़की काले औज़ार की दीवानी नहीं होती। |
पलट के देख ज़ालिम, तमन्ना हम भी रखते हैं; हुस्न तुम रखती हो, तो जवानी हम भी रखते हैं; गहराई तुम रखती हो तो लंबाई हम भी रखते हैं! |
मांगता हूँ तो देती नहीं हो, जवाब मेरी बात का; देती हो तो खड़ा हो जाता है, रोम-रोम जज़्बात का; क्यों बोलती हो की धीरे से डालो, बालों में फूल गुलाब का! |