हुस्न Adult and Non veg Restricted Hindi Shayari

  • मदहोश मत करो खुद को किसी का हुस्न देख कर;<br/>
मोहब्बत अगर चेहरे से होती तो खुद़ा  'छेद' ना बनाता!Upload to Facebook
    मदहोश मत करो खुद को किसी का हुस्न देख कर;
    मोहब्बत अगर चेहरे से होती तो खुद़ा 'छेद' ना बनाता!
  • हर शाम सुहानी नहीं होती;
    हर चाहत के पीछे कहानी नहीं होती;
    कुछ तो असर ज़रूर होगा मोहब्बत में;
    वर्ना गोरी लड़की काले औज़ार की दीवानी नहीं होती।
  • पलट के देख ज़ालिम, तमन्ना हम भी रखते हैं;
    हुस्न तुम रखती हो, तो जवानी हम भी रखते हैं;
    गहराई तुम रखती हो तो लंबाई हम भी रखते हैं!
  • मांगता हूँ तो देती नहीं हो, जवाब मेरी बात का;
    देती हो तो खड़ा हो जाता है, रोम-रोम जज़्बात का;
    क्यों बोलती हो की धीरे से डालो, बालों में फूल गुलाब का!
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