आमिर खान का कहना है, "मेरे पास कोई जादुई छड़ी नहीं है। फिल्म के चयन से पहले कहानी को दर्शकों की तरह सुनता हूं। कहानी यदि दिल को छू जाती है तभी काम करना मंजूर करता हूं।"
आमिर ने कहा, "जब मुझे कोई स्क्रिप्ट पसंद नहीं आती तो मेरे चेहरे के हावभाव सब बयां कर देते हैं। मैं झूठ नहीं बोल पाता। मेरा फर्ज बनता है कि मैं उन्हें सच बताऊं। मुझे पता है कि कहानी को लिखने में कभी-कभी एक साल लग जाता है। मैं सभी के काम का सम्मान करता हूं। यदि फिल्म में कमी नजर आती है तो हम खुलकर बात करते हैं।"
आमिर ने बताया, "पीके की रिलीज से पहले राजकुमार हिरानी और अभिजीत ने मुझे कहानी सुनाई थी। तब मैंने कहा था कि कहानी अच्छी है, लेकिन तैयार नहीं है। बाद में अभिजीत ने बताया था कि वो सत्रह महीने से इस पर काम कर रहे थे। कहानी सुनाने पर उन्हें लगा था कि मैं एक्साइटेड हो जाऊंगा, लेकिन उल्टा हुआ। दोनों काफी निराश होकर निकले थे। फिर तीन महीने बाद उन्होंने दोबारा कहानी नरेट की। तब मुझे बहुत पसंद आई थी।"