अनुपम यहां शुक्रवार को शुरू हुए तीन दिवसीय इंटरनेशनल इंडियन फिल्म एकेडमी (आईफा) वीकेंड एंड अवार्ड्स में फिक्की-आईफा ग्लोबल बिजनेस फोरम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारतीय फिल्मोद्योग फल-फूल रहा है।
अनुपम (60) ने कहा, "भारतीय सिनेमा प्रधानमंत्री मोदी की सरकार में स्वर्णिम युग से गुजर रहा है। यह फल-फूल रहा है। मेरी उनमें (मोदी) और मेरी पत्नी किरण खेर (भाजपा सांसद) सहित उनके सहकर्मियों में बहुत आस्था है।"
अनुपम 31 वर्षो में 450 से अधिक फिल्मों में अभिनय कर चुके हैं। उनका मानना है कि भारतीय फिल्में दुनियाभर में लोगों को खुश करने में सफल रही हैं।
'सारांश' फिल्म में एक बूढ़े व्यक्ति की भूमिका निभा दोनों हाथों वाहवाही लूटने वाले अनुपम ने कहा, "यह एक ऐसी नौकरी है, जिसमें एक लाइट बॉय सहित हर कोई जान डालता है। उनका फिल्म के मुनाफे से कुछ लेना-देना नहीं होता, लेकिन तब भी वे इसमें अपना खून-पसीना लगा देते हैं।"
अनुपम ने अपने एक्टिंग स्कूल 'एक्टर प्रिपेयर्स' के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा, "मैंने 11 साल पूर्व अभिनय स्कूल शुरू किया। मैं करीब-करीब दिवालिया हो गया था, क्योंकि मेरे सपने हकीकत से कहीं बड़े थे। मैंने 12 विद्यार्थियों को लेकर स्कूल शुरू किया और अब इसमें 500 विद्यार्थी हैं।"
अनुपम को हिंदी फिल्मजगत के लिए 'बॉलीवुड' शब्द का इस्तेमाल किए जाने से सख्त नफरत है। उन्होंने अनुमान लगाया कि अगले 10 वर्षो में हिंदी फिल्म जगत किसी भी फिल्मोद्योग पर हुकूमत करेगा। हमारे पास कॉरपोरेट समर्थन एवं बुनियादी ढांचा है।