उन्होंने कहा कि दोनों तरफ के लोग (भारत-पाकिस्तान) एक दूसरे के साथ तब तक नहीं जुड़ सकते, जब तक किसी एक भी तरफ कट्टरपंथी तत्व मौजूद होंगे। लोगों के बीच शांति कायम करने के लिए दोनों देशों से कट्टरपंथियों का सफाया करना होगा। कबीर के इस बयान पर वहां मौजूद एक पत्रकार उत्तेजित हो गया और गुस्से में चीख पड़ा।
इस पर कबीर ने पत्रकार से कहा कि पहले तो आप इस तरीके से मुझसे बात न करें। मुझे यह बर्दाश्त नहीं। यदि आप चिल्ला कर बात करेंगे, तो मैं आपसे कोई बात नहीं करूं गा। कबीर ने गुस्से पर काबू करते हुए कहा कि यदि आप थोड़ा सभ्य तरीके से बात करेंगे, तो मैं आपसे बात करने के लिए तैयार हूं। पानी पियें और शांत हो जाएं। पत्रकार ने कबीर से चिल्ला कर पूछा था कि आप भारत में किसे आतंकवादी तत्व कह रहे हैं। वहीं कबीर का कहना है कि उन्होंने "आतंकवादी" शब्द इस्तेमाल नहीं किया, बल्कि "कट्टरपंथी" कहा था।