अभिनेता-निर्देशक भगवान दादा के जीवन पर यह फिल्म बन रही है। इसमें दर्शाया जाएगा कि उन्हें 1951 में फिल्म 'अलबेला' को बनाने और प्रदर्शित करने में किन मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
विद्या ने कहा, भले ही यह अतिथि भूमिका है, लेकिन गीता बाली का किरदार निभाना और भगवान दादा पर आधारित मराठी फिल्म में 'अलबेला' को फिर ये याद करना महत्वपूर्ण है।
दिलचस्प है कि मेकअप कलाकार विद्याधर भत्ते ने इस फिल्म के लिए निर्देशक शेखर सरतनदेल को विद्या का नाम सुझाया था। भत्ते विद्या के साथ पहले भी काम कर चुके हैं। उन्होंने ही निदेशक को उनका नाम सुझाया था। शेखर गीता बाली की भूमिका के लिए सही चेहरे की तलाश में थे और विद्या पटकथा सुनते ही तुरंत तैयार हो गईं।
अभिनेत्री के एक करीबी सूत्र ने बताया कि किरदार के लिए विद्या गीता बाली की मूल फिल्में देख रही हैं, लेकिन उन्हें मराठी बोलने की आवश्यकता नहीं है।