यहां जारी इंडीवुड फिल्म मार्केट में शामिल होने आए बेनेगल ने कहा, "यह पुरस्कार राष्ट्र की ओर से दिए गए हैं, सरकार की ओर से नहीं। लोगों को सरकार से राजनीतिक तौर पर लड़ना सीखना होगा। पुरस्कार लौटाना कोई समझदारी की बात नहीं।" उन्होंने कहा, "महात्मा गांधी ने केसर-ए-हिद पदक लौटा दिया था, क्योंकि यह पदक ब्रिटिश औपनिवेशिक सत्ता द्वारा दिया गया था।" देश में बढ़ती असहिष्णुता के बढ़ते माहौल के बारे में बेनेगल ने कहा, "कन्नड़ लेखक एम.एम कलबुर्गी की हत्या और दादरी कांड घोर असहिष्णुता के उदाहरण थे। यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह कानून व्यवस्था को बनाए रखे, लेकिन पुरस्कार लौटाना कोई समाधान नहीं।"
भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान (एफटीआईआई) के छात्रों की गजेंद्र चौहान की अध्यक्ष के तौर पर नियुक्ति के खिलाफ लंबे समय तक छात्रों की हड़ताल के बारे में कहा कि छात्रों को यह कदम नहीं उठाना चाहिए था।
बेनेगल ने कहा, "छात्रों का मानना है कि अध्यक्ष राजनीतिक पार्टी का हिस्सा हैं, लेकिन मैं ऐसा नहीं मानता। छात्रों को हड़ताल नहीं करनी चाहिए थी, बल्कि अध्यक्ष के साथ मुलाकात कर उनसे अपने संदेह साझा करने चाहिए थे।"