संसद की पूर्व सदस्य शबाना ने यह भी कहा कि भारत जैसे विविधता वाले देश में 'असहमति होना स्वभाविक है और इसका सम्मान किया जाना चाहिए।'शबाना ने कहा कि असहिष्णुता जारी रहेगी, लेकिन प्रश्न यह है कि राज्य इससे कैसे निपटता है।इन दिनों देश में कई साहित्यकार और कलाकार बढ़ती असहिष्णुता का मुद्दा उठा रहे हैं। कई लेखकों और कलाकारों ने तो अपने राष्ट्रीय पुरस्कार भी वापस कर दिए। पुरस्कार वापसी के मुद्दे ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लोगों का ध्यान आकर्षित किया है। इसके लिए काफी हद तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लंबे समय तक चुप्पी को जिम्मेदार ठहराया गया। हालांकि अपने ब्रिटेन दौरे के दौरान उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत में एक सवाल के जवाब में कहा कि 'भारत असहिष्णु नहीं है।'