जाने माने फिल्मकार विकास बहल ने फिल्मों के दृश्यों में काट-छांट के सेंसर बोर्ड के हालिया फैसलों पर प्रतिक्रया व्यक्त करते हुए कहा कि फिल्में सेंसर बोर्ड की सोच के अनुसार नहीं बनाई जाती हैं।
सेंसर बोर्ड फिल्मों के दृश्यों में काट-छांट को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहता है। पिछले सप्ताह इसने जेम्स बांड फिल्म 'स्पेक्टर' के एक किसिंग दृश्य पर कैंची चलाई थी, जिसकी चौतरफा आलोचना हुई।
लेकिन 'क्वीन' फिल्म से चर्चा में आए बहल का कहना है कि सेंसर बोर्ड फिल्मों के दृश्यों पर चाहे जितनी कैंचियां चलाता रहे, फिल्मकार अपनी रचनात्मकता से समझौता नहीं करेंगे। उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि फिल्म उद्योग भी सेंसर बोर्ड की तरह ही हठी है। अगर सेंसर बोर्ड कठोरता दिखाना जारी रखता है तो हम भी अपने निर्णयों पर कायम रहेंगे। मुझे नहीं लगता कि हमने कोई भी फिल्म इस सोच के साथ बनाई है कि सेंसर बोर्ड की इस पर सोच क्या होगी।"
बहल ने फिल्म बाजार के दौरान 'फिल्मों का चयन और इसे सही ठहराना' सत्र के दौरान यह बात कही। उन्होंने कहा कि एक निर्माता के रूप में वह हमेशा अनोखी कहानियों की तलाश में रहते हैं। बहल की हालिया प्रदर्शित फिल्म 'शानदार' भी असफल रही, जिसके बारे में उन्होंने कहा कि वह इसके कारणों को तलाशेंगे।

Friday, November 27, 2015 20:30 IST