'फिराक' (2008) का निर्देशन कर चुकीं नंदिता को आशा है कि बंटवारे पर केंद्रित उनकी आगामी फिल्म भारत-पाकिस्तान की दूरियों को कम करेगी। उन्होंने बताया कि अभिनेता पाकिस्तानी कथा लेखक मंटो के काम के प्रशंसक हैं।
यहां फिल्म बाजार समारोह के दौरान नंदिता ने आईएएनएस को बताया , `अगर यह फिल्म हमें साथ नहीं ला सकती, तो कौन सी फिल्म लाएगी?`
नंदिता ने आगे कहा, `इरफान बड़ी गंभीरता से इस परियोजना पर ध्यान दे रहे हैं। उन्होंने इसका पहला मसौदा पढ़ लिया है। वह इस किरदार के लिए एकदम सही हैं। वह बहुत अच्छी उर्दू बोलते हैं और मंटो की तरह दिखते भी हैं। उन्होंने मंटो को काफी पढ़ा भी है।`
नंदिता ने बताया कि मंटो के किरदार के बारे में इरफान ने कहा, `मंटो का किरदार निभाने के लिए तो कोई कब्र से भी बाहर आ जाएगा।`
इससे पहले पाकिस्तानी फिल्मकार सरमद सुल्तान खूसट ने 'मंटो' शीर्षक से एक फिल्म बनाई थी और इसे 21वें कोलकाता अंतर्राष्ट्रीय फिल्मोत्सव में इस महीने दर्शाया गया था।
लेखक मंटो के प्रति अपने जुनून के बारे में नंदिता ने बताया, `मैंने कॉलेज में मंटो की कहानियां पढ़ी थी और मुझे वे काफी सशक्त लगी थीं। फिल्मों में जाने के बाद मैं उनकी कहानियों पर एक लघु फिल्म बनाना चाहती थी, लेकिन उनके बारे में जानने के बाद मुझे लगा कि उनके जीवन की कहानी काफी दिलचस्प है।`
मीर अली हुसैन के साथ मिलकर फिल्म की पटकथा लिख रही नंदिता को लगता है कि इसकी कहानी वर्तमान में काफी प्रासंगिक है। उन्हें लाहौर में फिल्म की शूटिंग करने की आशा है।
नंदिता ने बताया कि पटकथा लगभग पूरी होने वाली है और जल्द ही फिल्म की शूटिंग शुरू हो जाएगी।