घई ने ट्विटर पर लिखा, "बाबूजी कहते हैं कि असहिष्णुता असहिष्णु लोगों से आती है, जो शक्ति, भ्रष्टाचार, प्रोन्नति और सहूलियतों से वंचित हैं। अगर 70 वर्षो से गरीबी में रह रहे 100 करोड़ लोगों ने सहिष्णुता को अपनी ताकत और गुण बना लिया है तो 12,000 असहिष्णु नगीनों पर चर्चा क्यों की जाए।"
घई की टिप्पणी शायद हाल ही में बॉलीवुड सितारों शाहरुख खान और आमिर खान की टिप्पणियों के मद्देनजर आई है, जिन्हें देश मे बढ़ती असहिष्णुता पर अपने विचारों के कारण काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था।
घई ने अपने फेसबुक पृष्ठ पर भी इसे साझा करते हुए लिखा, "तो आखिर सच्चाई आज बाहर आ गई है कि असहिष्णुता एक सामाजिक या सांप्रदायिक मुद्दे से अधिक एक राजनीतिक ढोंग है, जहां गरीब और कम खुशकिस्मत अत्यधिक गरीब भी वर्षो से सहिष्णु रहे हैं। अपनी स्थितियों में सहिष्णु बने रहने को अपना गुण मानते हुए और नई उम्मीदों के साथ आगे बढ़ते हुए।"