गोविंदा ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'जब तक मुझे न्यायालय से पत्र नहीं मिलता, मैं इस बारे में कुछ नहीं कह सकता। मेरे लिए न्यायालय का फैसला सर्वोपरि है और मैं उसका सम्मान करूंगा।'
गोविंदा ने उस प्रशंसक के बारे में कहा, 'वह व्यक्ति यहां का निवासी नहीं है, हैरानी की बात है कि उस बात को हुए 10 साल बीत चुके हैं और अब यह सब हो रहा है।'
2008 में अपनी फिल्म 'मनी है तो हनी है' के सेट पर संतोष बटेश्वर रे को थप्पड़ मारते गोविंदा की तस्वीर कैमरे में कैद हो गई थी।
गोविंदा ने कहा, 'इतने वर्षों बाद इस मामले का फिर से उठना सामान्य नहीं है। कोई भी प्रशंसक इस प्रकार का व्यवहार नहीं करता। प्रशंसक कलाकारों को बचाने के लिए किसी भी हद तक जाते हैं।'
गोविंदा ने आगे यह भी कहा, 'मेरा किसी को तकलीफ पहुंचाने का कोई इरादा नहीं था। मैं जिस व्यक्ति को जानता भी नहीं उसके लिए मेरा ऐसा कोई इरादा नहीं हो सकता।'
न्यायमूर्ति टी. एस. ठाकुर और न्यायमूर्ति वी. गोपाल गौड़ा की एक पीठ ने गोविंदा को नसीहत दी थी कि वह एक बड़े हीरो हैं, इसलिए उन्हें अपना बड़ा दिल दिखाना चाहिए और माफी मांगकर मामले को समाप्त कर देना चाहिए।