न्यायमूर्ति एआर जोशी ने इस फैसले में अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत में पेश किए गए गवाहों के बयानों में मौजूद त्रुटियों का उल्लेख किया। उन्होनें कहा है कि इस मामले में गवाहों के बयान सलमान को आरोपी सिद्ध नहीं करते। अदालत ने कहा है कि पुलिस की ओर से सलमान को उपलब्ध कराए गए अंगरक्षक रवींद्र पाटिल की गवाही मान्य नहीं है।
कोर्ट ने सलमान को शराब पीकर गाड़ी चलाने और दुर्घटना के वक्त ड्राइविंग सीट पर होने के दोनों आरोपों को नकार दिया है। ये दोनों आरोप मुंबई पुलिस ने रवींद्र पाटिल के बयान के आधार पर लगाए थे, जिसे अदालत ने अमान्य करार दिया है।
इसके अलावा सलमान के विरोध में पेश किए गए अन्य सबूत, जैसे कि उस रात होटल रेन बार का बिल, सलमान के खून का सैंपल व गवाह संख्या 7 व 8 में त्रुटियां पाई गईं। होटल के बिल में सलमान के शराब खरीदने के तथ्य मौजूद नहीं है। सलमान के खून का सैंपल लेने से पहले उनकी सहमति वाले कागजात में उनके हस्ताक्षर मौजूद नहीं हैं।
इसके अलावा सलमान के ड्राइवर अशोक सिंह को 12 साल बाद कोर्ट में गवाही के लिए पेश किए जाने को भी हाईकोर्ट ने सही ठहराया है, जिसमें उसने कहा था कि दुर्घटना के वक्त गाड़ी सलमान नहीं बल्कि वो गाड़ी चला रहा था।