उन्होंने कहा कि यदि कोई असहिष्णुता पर बयान देता है, तो हमें इस पर चर्चा करनी चाहिए। आमिर ने 'सत्यमेव जयते' जैसे शो किए हैं। एक लोकतांत्रिक देश के नागरिक होने के नाते यह जानना जरूरी है कि आमिर जैसे इंसान ने इस तरह का बयान क्यों दिया?
आशुतोष ने कहा कि सोशल मीडिया पर असहिष्णुता जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करना संभव नहीं। देश में असहिष्णुता हो या न हो, लेकिन इसका जवाब 140 कैरक्टर में देना कठिन है।
आशुतोष ने साथ ही इस मुद्दे पर अपने पुरस्कार लौटाने वाले साहित्यकारों के प्रति समर्थन जताते हुए कहा कि इस मुद्दे को राजनीतिक रंग देना गलत है। उल्लेखनीय है कि आमिर ने एक पुरस्कार समारोह में कहा था कि देश एक'बढ़ती हताशा'से गुजर रहा है और उनकी पत्नी किरण राव को अपने बच्चों के लिए डर लगता है।