आधिकारिक बयान में कहा गया है कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) से संबंधित विवादों के लगातार बढ़ने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हस्तक्षेप के बाद इस समिति का गठन किया गया है। बयान में कहा गया है कि उम्मीद है कि इस समिति के सुझाव से एक समग्र ढांचा विकसित होगा जिसके तहत फिल्मों को प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा।
समिति को दो महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है। पहलाज निहलानी केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के वर्तमान अध्यक्ष हैं। जनवरी 2015 में उनकी नियुक्ति के समय से ही सेंसर बोर्ड भिन्न विवादों की वजह से सुर्खियों में है।