महेश भट्ट पिछले चार दशकों से मनोरंजन-जगत का हिस्सा हैं, और वह अपने मुखर विचारों के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने शुक्रवार को ट्विटर पर सवाल किया कि फिल्मकारों को अभी तक आजादी क्यों नहीं दी गई। भट्ट ने ट्विटर पर लिखा, "कल हमारे पास कलात्मक आजादी होगी। हम कल सीबीएफसी के फंदे से बाहर हो जाएंगे! हम अब, आज ही आजाद क्यों नहीं हो सकते?"
महेश भट्ट का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब इसके कुछ ही समय पहले शुक्रवार को केंद्र सरकार ने मशहूर फिल्मकार श्याम बेनेगल को एक नई समिति का प्रमुख नियुक्त किया। यह समिति भारतीय फिल्म सेंसर बोर्ड के लिए एक समग्र कार्ययोजना सुझाने और सिनेमाटोग्राफी अधिनियम में बदलावों का सुझाव देने के लिए गठित की गई है। ताकि कलात्मक रचनात्मकता और आजादी बरकरार रहे। आधिकारिक बयान में कहा गया है कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) से संबंधित विवादों के लगातार बढ़ने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हस्तक्षेप के बाद इस समिति का गठन किया गया है। बयान में कहा गया है कि उम्मीद है कि इस समिति के सुझाव से एक समग्र ढांचा विकसित होगा जिसके तहत फिल्मों को प्रमाणपत्र जारी किए जाएंगे।