परिणीति ने कहा कि मासिक धर्म को लेकर कई वर्जनाएं हैं। उनकी दादी भी उन्हें इससे जुड़ी ऐसी ही कुछ सलाहें दिया करती थीं। जैसे कि इस दौरान अचार छूने या मंदिर जाने के लिए मनाही थी और बाल धोने जैसी कुछ मान्यताओं का पालन करने के लिए कहा जाता था।
उन्होंने कहा, `मुझे हमेशा लगता था कि मैंने कुछ गलत नहीं किया, इसलिए मुझे ऐसे किसी नियमों से बांधा न जाए। हम एक शिक्षित देश में रहते हैं। हम भले ही काफी मामलों में विकसित हो गए हों, लेकिन इन मामलों में आज भी बेहद पीछे हैं। ऐसी बातें केवल हमारे देश में ही होती हैं। हमें इन पुरानी मान्यताओं से आगे बढ़ना चाहिए। आज के दौर में ऐसी बातें करना मूर्खता है।`