अक्षय कुमार ट्वीट करते हैं, `एयरलिफ्ट की शूटिंग के दौरान मैने शरणार्थियों के दर्द को महसूस किया। जॉर्डन और परिवर्तनकारी रानी रानिया को मेरा सम्मान, जिन्होंने शरणार्थियों की रक्षा करने का प्रयास किया।`
दरअसल 'एयरलिफ्ट' इराक और कुवैत के बीच 1990 में हुए युद्ध के बाद वहां से भारतीयों को सुरक्षित बाहर निकालने के मिशन पर आधारित है। 'एयरलिफ्ट' उस सच्चाई को पर्दे पर ला रही है जिसके बारे में कुछ ही लोगों को पता होगा कि किस तरह शांतिप्रिय देश जॉर्डन ने कुवैत से खाड़ी युद्ध के दौरान 1, 70,000 भारतीय शरणार्थियों सुरक्षित भारत पहुंचाने में मदद की थी। इतनी बड़ी तादाद में शरणार्थियों को सुरक्षित उनके देश भेजने वाली इस ऐतिहासिक घटना का 'गिनीज बुक वर्ल्ड रिकॉर्ड' में भी जिक्र है।। यह घटना याद दिलाती है कैसे एक देश ने कोई छोटी संख्या नहीं बल्कि 1,70,000 लोगों को उनके देश पहुंचाने में मदद की। 'एयरलिफ्ट' उसी कहानी को पर्दे पर ला रही है जिसे समय के चक्र में भुला तो दिया गया, लेकिन उसे याद रखना बहुत जरुरी है।
फिल्म में अक्षय रंजीत कात्याल का रोल निभा रहे हैं जो कई भारतीय शरणार्थियों के साथ हजारों किलोमीटर का सफर तय करके जॉर्डन की राजधानी अम्मान पहुंचता है। वहां से 59 दिनों में भारतीय सरकार ने एयर इंडिया के विमानों से सभी भारतीयों को स्वदेश पहुंचाने का इंतजाम किया था।
अक्षय कुमार और निमरत कौर स्टारर फिल्म 'एयरलिफ्ट' का निर्देशन राजा कृष्णा मेनन ने किया है। यह फिल्म 22 जनवरी को रिलीज हो रही है।