पत्रकार बरखा दत्त की किताब 'द अनक्वाइट इंडिया' के विमोचन पर मौजूद कंगना ने कहा, 'जिस तरह से मैं अपनी असफलता से जूझी हूं, वह काफी गंभीर है और मैं इस बारे में किताब लिखना चाहती हूं।'
कंगना ने कहा, 'मैंने करीब 10 साल तक संघर्ष किया है और मुझे लगता है कि आज जो मैं हूं, इसी की बदौलत हूं। जब आप कुछ हारते हैं और असफल होते हैं, तो उस पल में भी आप अपने आत्मसम्मान को किस तरह बरकरार रखते हैं, यह अधिक महत्वपूर्ण है।'
फिल्म जगत में कदम रखने से पहले कंगना डॉक्टर बनना चाहती थीं। उनका कहना है कि स्कूल से ही सफलता और कक्षा में प्रथम आना उनके लिए महत्वपूर्ण रहा है और ऐसा न होने पर उन्होंने अपने अभिभावकों का गुस्सा भी झेला है।
इस पर कंगना ने कहा, 'हमें अपने बच्चों को सिखाना चाहिए कि असफल होने में कुछ भी गलत नहीं है। कुछ भी हमेशा के लिए नहीं रहता और इस तरह का आत्मविश्वास होना जरूरी है।'