यहां गुरुवार को यूथ फॉर युनिटी कार्यक्रम में विद्या पैनेलिस्ट थीं। इस दौरान उन्होंने कहा, "सोच का बदलना बेहद जरूरी है। लड़कियों को मनचाहे परिधान पहनने चाहिए। उनको मिलने वाला सम्मान उनके परिधान से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। एक लड़की कहीं भी कोई भी पेशा चुन सकती है। लोगों को अभिनेत्रियों को भी सम्मान देना चाहिए। उनका सम्मान उनके कपड़ों की लंबाई पर निर्भर नहीं होना चाहिए।"
विद्या ने अपनी फिल्म 'द डर्टी पिक्चर' का उदाहरण रखते हुए कहा, "हर जगह छेड़छाड़ की घटनाएं होती हैं। कुछ जगहों पर बाकी जगहों से अधिक होती है। लड़कियों को निडर होना चाहिए। जरूरत पड़ने पर उन्हें तमाचा भी जड़ देना चाहिए या वह आवाज उठा सकती हैं, गाली दे सकती हैं या चिल्ला सकती हैं, इससे वह (छेड़छाड़ करने वाला) अपने आप भाग खड़ा होगा। लेकिन बस डरिए मत।"
विद्या पिछली बार 'हमारी अधूरी कहानी' फिल्म में नजर आई थीं।