इस खास मौके पर शत्रुघ्न सिन्हा का पूरा परिवार पत्नी पूनम सिन्हा, बेटी सोनाक्षी सिन्हा और दोनों बेटे लव-कुश साथ ही किताब की लेखिका भारती प्रधान भी मौजूद थीं। अमिताभ बच्चन यहां मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। अमिताभ ने शत्रुघ्न सिन्हा के साथ अपने अनुभव बाटें और फिल्मी जीवन के संघर्ष को भी याद किया।
शत्रुघ्न सिन्हा के साथ हिट फिल्म 'काली चरण' बनाने वाले निर्देशक सुभाष घई ने उनकी तारिफ करते हुए कहा कि, 'शत्रुघ्न कभी अपने दोस्तों को नहीं भूलते'
शत्रुघ्न ने कहा, "मेरी जीवनी मनोरंजक और प्रभावशाली है, क्योंकि इसमें अच्छी बुरी हर तरह की चीजें हैं और इसमें नकारात्मक पहलू को भी ईमानदारी से बताया गया है। मेरा मानना है कि मेरी जीवनी सच्ची और पारदर्शी है।"
उन्होंने कहा, "लोग मेरे बारे में बहुत कुछ कहते हैं जो मुझे पसंद नहीं है, लेकिन इसमें कुछ भी छिपा नहीं है। इस देश में लोकतंत्र है और यहां सभी को बोलने का अधिकार है।" उन्होंने बताया कि यह अलग तरह की जीवनी है।
शत्रुघ्न ने कहा, "अमूमन जीवनियों में संबंधित व्यक्ति की प्रशंसा होती है, लेकिन मेरी जीवनी अलग है। इसलिए यह मनोरंजक और दिलचस्प है।"
प्रधान ने सात साल के शोध, 37 साक्षात्कार और सिन्हा परिवार के साथ 200 घंटों से भी अधिक समय की बातचीत के आधार पर यह जीवनी लिखी है।