निर्देशक: देव कट्टा
रेटिंग: 2
संजय दत्त के प्रोडक्शन में बनी पहली फिल्म, प्रस्थानम, एक राजनीतिक दिग्गज 'बलदेव प्रताप सिंह' (संजय दत्त) की कहानी है जिसे देख कर उसके विरोधियों के दिलों में आतंक फैल जाता है, लेकिन बलदेव अब बुढ़ापे के साथ धीमा पड़ रहा है और पीछे हटना चाहता है और जब राजा नीचे उतरना चाहे, तो किसी को तो सिंहासन संभालना होगा. यही सिंहासन बलदेव के बेटों आयुषमान सिंह (अली फज़ल) और रघुवीर सिंह (सत्यजीत दुबे) के बीच विवाद की जड़ बन जाता है.
आयुष, बलदेव का सगा बेटा नहीं है मगर, लेकिन उससे अपने पिता की तरह प्यार करता है, रघुवीर, गर्मदिमाग है और अपने पिता के लिए एक निराशा है, दोनों में जल्द ही बलदेव की राजनीतिक विरासत के लिए जंग शुरु हो जाती है.
देव कट्टा के निर्देर्शन में बनी 'प्रस्थानम', किसी पुरानी शेक्सपेरियन त्रासदी की तरह है. कहानी काफी पुरानी है और दर्शकों को यहाँ कुछ नया नहीं मिलता. फिल्म की सबसे बड़ी कमी मनीषा कोइराला और जैकी श्रॉफ जैसे कलाकारों की प्रतिभा का ज़ाया करना है. मनीषा, फिल्म में बलदेव की पत्नी (सुख्मिनी प्रताप सिंह) के रूप में सिर्फ संकट में घिरने और आँसू बहाती बेबस नज़र आती हैं. 'गुंजन' के किरदार में अमायरा दस्तूर ठीक लगी हैं, मगर उनके किरदार को लिखा इस तरह गया है की उसमे ज्यादा गुंजाईश ही नहीं है.
संजय दत्त, जो की अपने करियर में 'खलनायक के बलराम प्रसाद', 'वास्तव के रघु,' और 'मुन्ना भाई' जैसी भूमिकाओं निभा चुके हैं, प्रस्थानम में कुछ नया नहीं लेकर आते हैं और अपनी पिछली भूमिकाओं का ही एक मिश्रण पेश करते दिखते हैं. चंकी पांडे और जाकिर हुसैन, जो की वैसे तो ठोस कलाकार हैं, खलनायक के रूप में ज्यादा प्रभावशाली नहीं लगे हैं.
'रामायण' और 'महाभारत' के समय - समय पर दिए गए संदर्भों के आधार पर, 'प्रस्थानम' खुद को प्रेम, युद्ध और राजनीति की कहानी के रूप में स्थापित करने की कोशिश करती नज़र आती है. लेखक-निर्देशक देव कट्टा ने अपनी खुद की ही फिल्म का हिंदी रीमेक बना कर एक बड़ा रिस्क लिया है.
पारिवारिक कलह और राजनीति पर आधारित यह फिल्म बनाने और उनके प्रयास के लिए देव कट्टा की सरहना बनती है मगर फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर हिट तो छोडिये अपनी लागत वसूल करने के लिए भी एक चमत्कार की ज़रुरत पड़ेगी.
कुल मिलकर देव कट्टा की ये फिल्म निराश करती ही नज़र आती है और इसे देखने के बजाये आप संजय दत्त की 'वास्तव' या 'खलनायक' ही एक बार फिर देख लें तो बेहतर रहेगा.