हाउसफुल 4 रिव्यु: दिमाग घर पर ही छोड़ कर जाएँ

Friday, October 25, 2019 17:38 IST
By Santa Banta News Network
कास्ट: अक्षय कुमार, रितेश देशमुख, बॉबी देओल, कृति सेनन, कृति खरबंदा, पूजा हेगड़े, चंकी पाण्डेय, राणा दग्गुबती, बोमन ईरानी

निर्देशक: फरहाद समजी

रेटिंग: **1/2

हाउसफुल 4 फिल्म फ्रैंचाइज़ी की अगली फिल्म लेकर हाज़िर हैं निर्देशक फरहाद समजी और यह फिल्म हाउसफुल सीरीज से मिली बिना लॉजिक के ह्यूमर और पागलपन की विरासत को आगे बढ़ाती नज़र आती है.

फिल्म की शुरुआत होती है लन्दन से जहाँ हैरी (अक्षय कुमार) एक नाई है जिसे मेमरी लॉस की दिक्कत है और बीच - बीच में उसे अपने पिछले जन्म के झलक भी दिखाई देती रहती है. हैरी अपने दो भाइयों रॉय (रितेश देशमुख) और मैक्स (बॉबी देओल) के साथ रहता है.

तीनो भाई तीन अमीर लड़कियों कृति (कृति सेनन), नेहा (कृति खरबंदा) और पूजा (पूजा हेगड़े) से शादी करने के लिए उन्हें पटाने का प्लान बनाते हैं और इस प्लान में वे जल्द ही कामयाब भी हो जाते हैं. इनकी कहने में ट्विस्ट तब आता है जब शादी के लिए ये भारत के शहर सितम्गढ़ पहुँचते हैं जहाँ हैरी की मुलाकात होती है उसके पिछले जनम के मित्र रह चुके आखिरी पास्ता (चंकी पाण्डेय) से और उसे सब याद आ जाता है.

पिछले जन्म में राजकुमार बाला देव सिंह (अक्षय कुमार) और राजकुमारी मधु (कृति सेनन), बांगड़ू महाराज (रितेश देशमुख) और राजकुमारी माला (पूजा हेगड़े), अंगरक्षक धरम्पुत्र (बॉबी देओल) और राजकुमारी मीना (कृति खरबंदा) की मृत्यु हो गयी थी और इनकी प्रेम कहानी अघूरी रह गयी थी जिस कारण इन सब का दोबारा जन्म हुआ है.

इस जन्म में इनकी कहानी में ट्विस्ट ये है की पिछले जन्म के प्रेमी जोड़े इस जन्म में बदल गए हैं और हैरी का यह मानना है की पिछले जन्म की जोड़ियाँ ही फिरसे बनेंगी तभी सबकी प्रेम कहानी पूरी होगी और इसी राह में कई गलत फेहमियां पैदा होती हैं, कन्फ्यूज़न होते हैं जो की फिल्म की कहानी में एक कॉमिक मोड़ लेकर आते हैं.

फिल्म का कहानी पिछली हाउसफुल फिल्मों की ही तरह घिसी - पिटी है और वही अदल - बदल और बिना सर-पैर की फिल्म हमें कॉमेडी के रूप में परोसी गयी है, बस इस बार यह दो अलग - अलग युगों तक फैली है.

कृति सेनन अपने किरदार में अच्छी लगी हैं और और उनकी एक्टिंग भी बढ़िया है. कृति खरबंदा और पूजा हेगड़े के पास अपने किरदारों में करने के लिए कुछ ख़ास नहीं है. सबसे अजीब बात है की तीनो बहनें हमेशा एक ही तरह के कपडे पहने हुए नज़र आती है.

रितेश देशमुख ने अपने किरदार के साथ पूरी तरह इन्साफ किया है और वह फिल्म में आपको कई बार हंसाने में भी कामयाब रहते हैं. मनोज पाहवा, नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी, राणा दग्गुबती, और जॉनी लीवर के किरदार व्यर्थ गए हैं.

मगर फिल्म की सबसे बढ़िया बात है अक्षय कुमार उर्फ़ हैरी उर्फ़ बाला, जिन्होंने अपनी मजेदार स्क्रीन प्रेजेंस और बेहतरीन कॉमिक टाइमिंग से पूरी फिल्म को अपने कंधे पे उठाये रखा है और इस पेचीदा कॉमेडी में कोई राहत की बात है तो वो हैं अक्षय कुमार.

स्क्रीनप्ले और कहानी पर कुछ भी कहना व्यर्थ है क्यूंकि दिमाग लगाने की फिल्म में कहीं कोई गुंजाईश है ही नहीं तो अपना दिमाग घर पर छोड़ कर जाएँ वरना फिल्म देखते समय आपके सर में दर्द होना शुरु हो सकता है.

कुल मिलाकर हाउसफुल 4 एक बॉलीवुड फिल्म के नाम पर एक बिना दिमाग का सिनेमा है जो अक्षय कुमार के फैन्स और या फिर हाउसफुल फिल्मों के फैन्स चाहें तो देख सकते हैं वो भी अपने रिस्क पर.
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