बता दें वशिष्ठ नारायण सिंह भारत के मशहूर गणितज्ञों में से एक थे जिनके जीवन की कहानी बेहद दिलचस्प है. बचपन में वे बहुत ही इंटेलीजेंट थे और आगे चल कर उन्होंने 1965 कैलिफ़ोर्निया यूनिवर्सिटी जॉइन की और 1969 पीएचडी हासिल करने के बाद वे वौशिंगटन यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर बने.
1974 में वे वापस भारत आये और आईआईटी कानपूर में पढ़ाने लगे जिसके कुछ समय बाद उन्होंने टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ़ फंडामेंटल रिसर्च जॉइन किया जिसके बाद उन्हें इंडियन स्टैटिस्टिकल इंस्टिट्यूट (कोलकाता) में फैकल्टी के रूप में नियुक्त किया गया.
कुछ साल बाद वे मानसिक बीमारी स्क्ज़ोफ्रेनिया से ग्रस्त हो गए और इलाज शुरु हुआ. 1989 में एक ट्रेन सफ़र के दौरान गायब हो गए और 4 साल बाद 1993 में वशिष्ठ नारायण सिंह फिर नज़र आये और एक बार फिर उनका इलाज शुरु हुआ जिसके बाद वे 2014 में वापस शिक्षा के क्षेत्र में वापस लौटे. 2019 में उनका देहांत हो गया.