निर्देशक: मुदस्सर अज़ीज़
रेटिंग: ***1/2
पति पत्नी और वो कहानी है 'चिंटू' उर्फ 'अभिनव त्यागी' (कार्तिक आर्यन) की. कानपुर का एक सरकारी कर्मचारी जिसके उसके माता-पिता उसकी शादी के लिए लड़की की तलाश में हैं और ये तलाश उसे मिलवाती है वेदिका त्रिपाठी (भूमि पेडनेकर) से. दोनों एक दूसरे को पसंद कर लेते हैं और जल्द ही शादी भी हो जाती है.
शादी की आनंदमय शुरुआत के कुछ समय बाद चिंटू जी का जीवन उबाऊ हो जाता है और उनकी ज़िन्दगी घर और दफ्तर के बीच ही शुरु और ख़त्म हो कर रह जाती है. फिर एक दिन चिंटू की मुलाकात होती है तपस्या सिंह (अनन्या) से, जो की कनपुर अपने दिल्ली के बूटीक के लिए एक कारखाने की ज़मीन की तलाश में आई है.
चिंटू तपस्या को पसंद करता है और उससे मिल कर उसकी वीरान ज़िन्दगी में फिर से बहार आ जाती है और वह उसके साथ जितना संभव हो उतना समय बिताना चाहता है. जब चिंटू को लगता है कि तपस्या उसके शादीशुदा होने के कारण उससे दोस्ती करने में हिचकिचा रही है तो वह इसका एक विचित्र समाधान निकालता है जो की कहानी में कई चटकदार पल लेकर आता है और उसका दोस्त फहीम रिजवी (अपार्शक्ति खुराना) इसमें और भी मसाला डालने का काम करता है.
चिंटू के किरदार में कार्तिक आर्यन ने फिर एक बार बेहतरीन और आकर्षक प्रदर्शन किया है. कार्तिक का चॉकलेट-बॉय चार्म एक बार फिर ख़ूब चला है और बची कुची कसर कार्तिक का ट्रेडमार्क बन चुके 'मोनोलॉग' द्वारा पूरी हो जाती है जो काफी मजेदार है और आपको और भी पसंद आएगा खासकर अगर आप एक शादीशुदा मर्द हैं तो.
भूमि पेडनेकर एक स्कूल टीचर और चिंटू की पत्नी वेदिका के किरदार में भव्य लगी हैं. भूमि ने इस फिल्म से ये साबित किया है की वे किसी भी किरदार में परदे पर आसानी से ढल सकती हैं और उसे प्राकृतिक रूप में पेश कर सकती हैं.
इस साल 'स्टूडेंट ऑफ़ द इयर 2' से बॉलीवुड में कदम रखने वाली आनन्या पांडे, दिल्ली की हॉशॉट लड़की 'तपस्या' के रूप में जीवंत लगी हैं. आनन्या ने अपनी एक्टिंग और एक्सप्रेशंस पर काम किया है जो की और बेहतर हुए हैं हलाकि उन्हें अब भी अपनी डायलॉग डिलीवरी पर ध्यान देने की ज़रुरत है.
चिंटू के दोस्त 'फहीम' के किरदार में अपारशक्ति खुराना की कॉमिक टाइमिंग बढ़िया है और फिल्म में उनके हर एक सीन में वे परफेक्ट लगे हैं. बॉलीवुड के नए 'हीरो के दोस्त' के रूप में अपार्शक्ति की डिमांड काफी बढ़ने वाली है और 'लुका छुप्पी' के बाद उनकी और कार्तिक की जोड़ी एक बार शानदार लगी है.
"हैप्पी भाग जाएगी" (2016) और "हैप्पी फिर भाग जाएगी जाएगी" (2018) जैसी कॉमेडी फ़िल्में देने के बाद मुदस्सर अज़ीज़ एक बार फिर एक मजेदार रौम - कॉम लेकर आये हैं और इस फिल्म रोमांटिक-कॉमेडी जौनर में अपना लोहा मनवाने में कामयाब रहते हैं. हालांकि फिल्म आपको बाँधने में थोड़ा समय लेती मगर फिल्म की कहानी कहीं भी अपनी राह से भटकती नहीं दिखती.
फिल्म का स्क्रीनप्ले मनोरंजक है और आपको हंसाने के लिए कहानी में कई कॉमिक और मजेदार पल हैं. मुदस्सर अजीज़ ने 1978 की ओरिजिनल फिल्म की कहानी को इस तरह पेश किया है कि यह आज के समय में भी आपको पुरानी नहीं लगती. हालांकि फिल्म की स्क्रिप्ट थोड़ी टाइट राखी जा सकती थी जिससे इसका लम्बाई थोड़ी कम रहती. फिल्म का संगीत भी अच्छा है और जो गाने हैं वो भी अपनी जगह फिट दिखते हैं न की बाकि मसाला फिल्मों की तरह ठूंसे हुए.
बी आर चोपड़ा की प्रिजिनल फिल्म से भी कई चीज़ें इस फिल्म में देखने को मिलती है और साथ में केमियों रोल में 'कृति सेनन' और 'सनी सिंह' ने भी दिलचस्प तड़का लगाया है.
कुल मिलाकर पति, पत्नी और वो एक कम्प्लीट पैकेज है जिसमें आपको एंटरटेन करने के लिए मसाला और कॉमिक एलिमेंट काफी है. तो अगर इस वीकेंड एक शुद्ध मनोरंजक फिल्म देखना चाह रहे रहे हैं तो बिना विचार किउए पति पत्नी और वो देख सकते हैं.