हाल में उनके गांव के दो लोग कोविड-19 संक्रमण का शिकार हुए और इस घटना के बाद जिला प्रशासन ने पूरे इलाके में कड़ाई से कर्फ्यू लगा दिया। हालांकि इस आदेश का मकसद इलाके के अन्य नागरिकों को संक्रमण से बचाना था, लेकिन इसकी वजह से उन 50-60 डॉक्टरों, नर्सों तथा अन्य चिकित्साकर्मियों की मुसीबत बढ़ गई जो इस दौरान अपनी ड्यूटी का पालन कर रहे थे। संकट की इस घड़ी में ही गुरुचेला मैजिक, जो कि एक लोकप्रिय जादूगर हैं, ने मदद का हाथ बढ़ाया और यह तय किया कि वे इन कोरोना योद्धाओं के लिए भोजन का इंतज़ाम करेंगे। उन्होंने VMate और #GiftASmile इनीशिएटिव के तहत्, इन लोगों के लिए हर रोज़ घर में पकाए स्वस्थ और स्वच्छ भोजन का इंतज़ाम किया। इस काम में उन्होंने अपने परिजनों के अलावा गांववालों की भी मदद ली।
गुरुचेला मैजिक की यह पहल सफल साबित हुई और VMate के बैनर तले इस काम में उनकी मदद के लिए और लोग भी आगे आए। इसके अलावा, VMate से उन्हें हर महीने जो लगभग 25,600/रु की आमदनी होती है, उससे वे अपनी परोपकारी पहल को वास्तविकता की ठोस ज़मीन पर खड़ा करने में सफल रहे। उल्लेखनीय है कि VMate ने अपने क्रिएटर्स को सपोर्ट करने के लिए 100 करोड़ रु का क्रिएटर फंड तैयार किया है जो वीडियो शूट करने वाले क्रिएटर्स को प्लेटफार्म से आमदनी कमाने का ज़रिया देता है।
गुरुचेला मैजिक का कहना है, `मुझे VMateसे लगातार प्रोत्साहन मिलता रहा है। उन्होंने 'गिफ्ट ए स्माइल'प्रोग्राम के तहत् मुझे पुरस्कृत कर मेरे जीवन की सबसे बड़ी खुशी सौंपी है और एक साथ कई बच्चों के जीवन में मुस्कुराहट लाने का अवसर भी दिया है।` गुरुचेला मैजिक ओरल कैंसर सरवाइवर हैं और उन्होंने अपना जीवन दूसरों की सेवा के लिए समर्पित कर दिया है। वे उत्तर प्रदेश में वाराणसी के गांवों में स्वच्छ जल उपलब्ध कराने के VMate की सीएसआर पहल का भी हिस्सा रहे हैं।
अपनी इस पहल के साथ गुरुचेला मैजिक ने VMate के उन क्रिएटर्स की सूची में अपना स्थान बना लिया है जिन्होंने अपने व्यक्तिगत प्रयासों से यह सुनिश्चित किया है कि कोविड-19 के चलते उत्पन्न अभूतपूर्व संकट की स्थिति में कोई भी इंसान भूखा न रहे। VMate यूज़र्स ने हाल में देशभर के अलग-अलग भागों में गरीबों और बेसहाराओं को भोजन वितरित करने वाले अपने वीडियो शेयर किए थे। व्यक्तिगत स्तर पर किए गए इस प्रकार के प्रयासों को ऍप पर #GharBaitheBanoLakhpati कैम्पेन के तहत् भी सराहा गया और चंडीगढ़ के सनी विर्दी ने एक बुजुर्ग को भोजन तथा चाय परोसती अपनी मां का वीडियो शेयर किया था जिसके बदले उन्हें 1 लाख रु का पुरस्कार भी मिला। इसके अलावा, इस शॉर्ट वीडियो प्लेटफार्म ने अपनी कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी निभाते हुए कई डॉक्टरों तथा पत्रकारों की मदद से कोविड-19 के बारे में फैले गलत धारणाओं को दूर करने तथा ज़मीनी स्तर की खबरों को मुख्यधारा में लाने का काम भी किया है। ऐसे मुश्किल के दौर में ही सोशल मीडिया और उसके इंफ्लुएंसर्स के बीच समुचित जुड़ाव और तालमेल के चलते उन लोगों का कल्याण सुनिश्चित किया जा सकता है जो बुनियादी सुविधाओं तक से वंचित होते हैं।