बासु चटर्जी का जन्म अजमेर हुआ था। उनकी फिल्में आफिस क्लर्क, ट्रेड यूनियन, संस्कृतटीचर्स, के जीवन पर आधारित होती थी। रजनीगंधा, छोटी सी बात, चितचोर, बातों बातों में, खटटा मीठा उनकी कुछ प्रसिद्ध फिल्में थी। उन्होंने अमोल पालकर के साथ रजनी गंधा, छोटी सी बात, फिल्में बनाई जो लोगों को आज भी बहुत पसंद है।
उनके साथ सभी बडे एक्टर काम करना चाहते थे । जितेंद्र ने उनके साथ प्रियात्मा, राकेश रोशन ने खटटा मीठा, धमेंद्र ने दिल्लगी, तथा अमिताभ बच्चन ने मंजिल में उनके साथ काम किया। उन्होंने 1982 में शौकीन फिल्म बनाई जो की अधेड उम्र के लोगों के जीवन पर आधारित थी, इस काॅमेेडी फिल्म को काफी लोगों ने पसंद किया था।
कई फिल्म निर्माताओं की तरह बासु दा भी टेलीविजन मे काम करना पसंद करते थे। उन्होंने 'रजनी' में उपभोक्ताओं के अधिकार के बारें मे बताया। फिल्म 'दर्पण' मैं उन्होंने क्षेत्रीय साहित्य को चित्रित किया एवं उनके द्वारा बनाए गए सीरियल 'व्योमकेश बख्शी' को इस जॉनर के मील के पत्थर के रूप में जाना जाता है। बासु चटर्जी के निधन को बॉलीवुड के लिए बहुत बड़ी क्षति माना जा रहा है जिसको कभी भी पूरा नही किया जा सकेगा।