फिल्म की कहानी 1918 में शुरू होती है जहां महाराष्ट्र के गांव तुम्बाड में विनायक राव (सोहम शाह) अपनी मां और भाई के साथ रहता है । लेकिन वहां के बाड़े में एक खजाने के छुपे होने की बात कही जाती है। जिसकी तलाश उसकी मां और उसे भी होती है। लेकिन कुछ ऐसी बातें होती हैं, जिसकी वजह से उसकी मां, उसे पुणे लेकर चली जाती है। 15 साल के बाद विनायक फिर से तुम्बाड जाता है और खजाने की तलाश करने लगता है । इस पुरी फिल्म को शूट करने के दौरान काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था इसीलिए यह फ़िल्म पूरे 6 साल में फिल्मायी गयी । फ़िल्म जो गाँव है तुम्बाड यह काल्पनिक है पर यह काल्पनिक गांव में हमेशा बारिश होते हुए दिखाई देती है , फ़िल्म के ज्यादार सीन बारिश में फिल्माये गए है । नकली बारिश का सहारा लेकर फ़िल्म जल्द शूट की जा सकती थी पर सब कुछ फ़िल्म में असल दिखे इसलिए फ़िल्म के सभी सीन बरसात में ही शूट किए जिसके यह सारे सिन फ़िल्माने के लिए पूरे 4 मानसून लगे , भले ही फ़िल्म को कुछ ज्यादा समय लगा हो लेकिन एक बढ़िया फ़िल्म दर्शको को मिली है ।
फ़िल्म हालही में डिजिटल प्लेटफार्म पर भी आयी है और फ़िल्म भारत मे ट्रैंड कर रही है , फ़िल्म के लिए लोगों की फैनफॉलोविंग हर दिन बढ़ रही है , नतीजन फ़िल्म ट्रैंड हो रही है । सोशल मीडिया पर नेटिजन्स फ़िल्म की खूब तारीफ कर रहे है।
ट्रैंड को लेकर अभिनेता सोहम शाह ने कहा " सुबह सुबह ... क्या बढिया सरप्राइज है , भारत में #Tumbbad ट्रेंडिंग में है यह देखकर बहुत अच्छा लगता है कि हमारे प्यार से किये गए श्रम को आज भी लोग प्यार कर रहे है ,अभी भी यह फ़िल्म यात्रा पर है जिसे हर कोई देखना चाहता है !