निर्देशक: ई निवास
रेटिंग: **1/2
सोनी लिव की यौर ऑनर, इसी नाम की इजरायली वेब सीरीज का हिंदी रीमेक है जिसे ईशान त्रिवेदी ने लिखा और ई निवास द्वारा निर्देशित किया गया है।
सीरीज़ की शुरुआत होती है लुधिआना से जहाँ एक सड़क दुर्घटना में एक बाइक सवार जो एक कुख्यात अपराधी है, मौके पर गंभीर रूप से घायल हो जाता है और कार चालक मौके से भाग जाता है। कार चालक के पिता बिशन सिंह (जिमी शीरगिल) हैं, जो लुधियाना में एक इमानदार जज हैं और शहर में अपनी ईमानदारी के लिए जाने जाते हैं।
जैसे ही बिशन को पता चलता है कि इस घातक दुर्घटना के समय उसका बेटा अबीर गाड़ी चला रहा था यह ईमानदार हाईकोर्ट का जज एक पिता का रूप ले लेता है जो अपने बेटे को बचाने के लिए उसके पक्ष में चीजों को मोड़ने की कोशिश करता है। धीरे - धीरे यह घटना एक गैंगवॉर की तरफ बढ़ने लगती है और शहर की पुलिस को हाई अलर्ट पर रख दिया जाता है और इसके बाद जो होता है वो है योर ऑनर की बाकी कहानी|
निर्देशक ई निवास ने डायरेक्शन के डिपार्टमेंट में बढ़िया काम किया है और यह हर दृश्य में नज़र भी आता है | लेकिन परेशान करने वाली बात यह है कि जिमी शेरगिल के अपने बेटे के साथ जो दृश्य हैं वो बेअसर लगते हैं। जिमी का किरदार हर बार अपने बेटे अबीर के साथ असहज दिखता है और लगता है जिसे देख कर लगता है कि वह एक पिता के किरदार में प्रवेश करने की बहुत कोशिश कर रहे हैं मगर सब बेकार। पटकथा में भी सस्पेंस और थ्रिल के तौर पर कुछ ख़ास नहीं है और कुछ समय के बाद ये धीमी और सुस्त हो जाती है।
एक्टिंग फ्रंट पर जिमी शेरगिल का प्रदर्शन बिशन सिंह बेदी के रूप में शानदार है| जिमी दर्षकों को अपने किरदार को सीरियसली लेने पर मजबूर करते हैं और आपको उन्हें देख कर उनसे सहानुभूति भी होती है । पारुल गुलाटी भी पंजाब में अपने भोजपुरी लहजे के साथ अच्छा तड़का लगाती हैं|
जिमी के अलावा मीता वशिष्ठ भी एक छोटे शहर की महिला पुलिस अधिकारी के रूप में अपनी ज़बरदस्त अदाकारी से दर्शक के मन पर अपनी छाप छोड़ने में कामयाब रहती हैं |
यशपाल शर्मा, वरुण बडोला, और सुहासिनी मुले का प्रदर्शन भी सराहनीय है हालांकि पुलकित मकोल के पास यहाँ ज्यादा कुछ करने को नहीं है । योर ऑनर का संगीत औसत है जो की और भी बेहतर हो सकता था हालांकि बैकग्राउंड स्कोर ठीक है।
कुल मिलाकर, यौर ऑनर एक औसत कहानी है, जिसमें जिमी शेरगिल और मीता वशिष्ठ और उनके उल्लेखनीय प्रदर्शनों के कारण कुछ मनोरंजक क्षण हैं| लेकिन अंत में, इस वेब सीरीज की कमज़ोर कहानी हर कलाकार की परफॉरमेंस पर पानी फेर देती है। जिमी शेरगिल और नीतू बिष्ट के फैन्स हैं तो इसे एक बार देखा सकते हैं अगर आपके पास करने के लिए कुछ नहीं है तो।